कक्षा ९ हिंदी सत्र परीक्षा ( पूर्ण )
कक्षा ९ हिंदी सत्र परीक्षा ( पूर्ण )
विभाग गद्य
प्र १ (क ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिये।
जब तीन दिन की अनथक खोज के बाद बाबू रामगोपाल एक नौकर ढूंढ़कर लाए तो उनकी क्रुद्ध श्रीमती और भी बिगड़ उठी। पलंग पर बैठे - बैठे उन्होंने नौकर को सिर से पाँव तक देखा और देखते ही मुँह फेर दिया।
" यह बनमानस कहाँ से पकड़ लाए हो ? इससे मैं काम लूँगी या इसे लोंगो से छिपाती फिरूंगी ? " इसका उत्तर बाबू रामगोपाल ने दिया।
" जानती हो , तलब क्या होंगी ? केवल बारह रूपए !......... रस्ता नौकर तुम्हें आजकल कहाँ मिलेगा ?"
'तो काम भी वैसा ही करता होगा,' श्रीमती बोली।
'यह मैं क्या जानूँ ? नया आदमी है , अभी अपने गाँव से आया है।
श्रीमतीजी की भोले चढ़ गई , "तो इसे काम करना भी मैं शिखाऊँगी ? अब मुझपर इतनी दया करो , जो किसी दूसरे नौकर की खोज मैं रहो। जब मिल जाए तो मैं इसे निकल दूंगी। "
बाबू रामगोपाल तो यह सुनकर अपने कमरे मे चले गए और श्रीमती दहलीज पर खड़े नौकर का कुशल-क्षेम पूछने लगी। नौकर हेतू था और नजदीक एक गाँव से आया थाऔर शिमला नजदीक एक गाँव से आया था। चपटी नाक, छोट माथा, बेहतरह से दाँत, मोटे हाथ और छोटा-सा कद, श्रीमती ने गलत नहीं कहा था। नाम पता पूछ चुकने के बाद श्रीमती अपने दाए हाथ की ऊँगली पिस्तौल की तरह हेतु की छाती पर दागकर बोली , 'अब दोनों कान लो। जो यहाँ चोरी - चकारी तो सीधा हवालात मैं भिजवा दूँगी। जो यहाँ काम करना हैं तो पाई -पाई का हिसाब ठीक देना होगा। "
१) कृति पूर्ण कीजिए।
नौकर 'हेतू ' की शारीरिक विशेषताए १ २ ३ ४
२ ) निम्लिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
अ ) नौकर हेतू के आने पर श्रीमती जी हर्षित हो गई।
आ ) नौकर शिमला नजदीक किसी गांव मे रहता था।
३ ) शब्दों विलोम शब्द लिखिए।
नौकर गाँव
४) क्या घर पर आए नए नौकरो को धमकाना अच्छी बात होती है ? स्वमत लिखिए।
प्रश्न १ (ख ) निम्लिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
विभाग गद्य
प्र १ (क ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिये।
जब तीन दिन की अनथक खोज के बाद बाबू रामगोपाल एक नौकर ढूंढ़कर लाए तो उनकी क्रुद्ध श्रीमती और भी बिगड़ उठी। पलंग पर बैठे - बैठे उन्होंने नौकर को सिर से पाँव तक देखा और देखते ही मुँह फेर दिया।
" यह बनमानस कहाँ से पकड़ लाए हो ? इससे मैं काम लूँगी या इसे लोंगो से छिपाती फिरूंगी ? " इसका उत्तर बाबू रामगोपाल ने दिया।
" जानती हो , तलब क्या होंगी ? केवल बारह रूपए !......... रस्ता नौकर तुम्हें आजकल कहाँ मिलेगा ?"
'तो काम भी वैसा ही करता होगा,' श्रीमती बोली।
'यह मैं क्या जानूँ ? नया आदमी है , अभी अपने गाँव से आया है।
श्रीमतीजी की भोले चढ़ गई , "तो इसे काम करना भी मैं शिखाऊँगी ? अब मुझपर इतनी दया करो , जो किसी दूसरे नौकर की खोज मैं रहो। जब मिल जाए तो मैं इसे निकल दूंगी। "
बाबू रामगोपाल तो यह सुनकर अपने कमरे मे चले गए और श्रीमती दहलीज पर खड़े नौकर का कुशल-क्षेम पूछने लगी। नौकर हेतू था और नजदीक एक गाँव से आया थाऔर शिमला नजदीक एक गाँव से आया था। चपटी नाक, छोट माथा, बेहतरह से दाँत, मोटे हाथ और छोटा-सा कद, श्रीमती ने गलत नहीं कहा था। नाम पता पूछ चुकने के बाद श्रीमती अपने दाए हाथ की ऊँगली पिस्तौल की तरह हेतु की छाती पर दागकर बोली , 'अब दोनों कान लो। जो यहाँ चोरी - चकारी तो सीधा हवालात मैं भिजवा दूँगी। जो यहाँ काम करना हैं तो पाई -पाई का हिसाब ठीक देना होगा। "
१) कृति पूर्ण कीजिए।
नौकर 'हेतू ' की शारीरिक विशेषताए १ २ ३ ४
२ ) निम्लिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
अ ) नौकर हेतू के आने पर श्रीमती जी हर्षित हो गई।
आ ) नौकर शिमला नजदीक किसी गांव मे रहता था।
३ ) शब्दों विलोम शब्द लिखिए।
नौकर गाँव
४) क्या घर पर आए नए नौकरो को धमकाना अच्छी बात होती है ? स्वमत लिखिए।
प्रश्न १ (ख ) निम्लिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
मेरे अपरहरण का कारण जानने से पहले यह जान ले कि ये लोग चिकिस्याशास्त्र मे बहुत पिछड़े हुए। यह एक ऐसा ग्रह है जहाँ विज्ञानं अपनी चरमसीना को पहुंच चूका हैं। यहाँ के आदमी अब आदमी नहीं मशिन हो गए है। यहाँ का सारा काम मशीनों ज्यादा और आदमी कम है। जो लोग है , वे मशीनों के गुलाम हैं। दूसरी और यहाँ के लोगो को एक विचित्र तरह का सड़न रोग होने लगा है। शरीर का कोई अंग अचानक सड़ना शुरु हो जाता है और फिर वह आदमी मर जाता है। लेकिन इस रोग का कारण वे मशीने ही है जो इन्हे नाकारा बनाए हुए है। यहाँ के वैज्ञानिकों ने मेरे बारे मे सुना। इन्होनें सोचा की क्यों न मुझे यहाँ बुलाया जाए। तब कोई ऐसी तरकीब सोची जाए। कि सड़ा हुआ अंग काटकर उसके स्थान पर दूसरा अंग लगा दिया जाए। बस इसी कारण मेरा अपहरण हुआ है। आज मैं यहाँ बैठकर सोच रहा हूँ की हमारी पृथ्वी पर भी विज्ञानं तेजी से उन्नित कर रहा है। उद्योगों के विकास से मशीनों की संख्या बढ़ रही है। मशीनों और कारखानों से वातावरण दूषित हो रहा है। वह सब अगर जारी रहा और ज्यादा मात्रा मैं हुआ तो पृथ्वी पर भी ऐसे ही दिन आने मै देर नहीं लगेगी। आज भी पृथ्वी पर कैंसर, डिल की बीमारियाँ तनाव के कारण होने वाली बीमारियाँ ब्लड शुगर अदि उस भविष्य के संकेत है। इस ग्रह के लोग इन सभी मुसीबतोसे गुजर चुके है लेकिन इन पर ध्यान नहीं दिए। अब स्थिति यह है की अगर तुरंत इन पर ध्यान गया तो शायद यहाँ से इंसानो का नामो निशान मिट जाएगा। बस यहाँ होंगी ऊँची इमारते, बड़े बड़े कारखाने , चिमनियाँ और दैत्याकार मशीने।
प्रश्न १ जोडिया मिलाइये
अ ब
दैत्याकार कारखाने
बड़े बड़े मशीने
ऊँची इंसान
मशीनोके गुलाम इमारते
प्रश्न २ गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिये जिनके उत्तर निम्न शब्द हो
वातावरण विज्ञान
प्रश्न ३ शब्दों मैं उचित प्रश्न लगाकर नए शब्द बनाइए
गुलाम स्थान
प्रश्न ४ आज का इंसान मशीनों की गुलाम बन गया है . इस विषय पर अपने विचार लिखिa।
प्रश्न (ग ) निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
वैज्ञानिक अध्ययनों एव भूगर्भीय आकड़ो से यह तथ्य सामने आया है की भारत का दो तिहाई भाग भूकंपिय पट्टी मैं पड़ता है। जम्मू - कश्मीर, पंजाब, बिहार, हिमाचल प्रदेश, नेपाल सिमा क्षेत्र , गुजरात ( कच्छ का रन ) तथा अंदमान द्वीपसमूह भूकंपीय पट्टी मैं है। यह भूकंपीय पट्टी वास्तव मे भूमंडलीय पट्टी का एक हिस्सा है , जो पृथ्वी के एक छोर से दूर छोर तक जाती है। हाल के वैज्ञानिक शोधा ने यह सिध्द कर दिया है की इंडियन प्लेट बराबर साढ़े पांच सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की गति से उत्तर - पूर्व दिशा मैं खिसक रही है और इस प्रक्रिया में समय समय पर अपनी जगह पर स्थिर युरेशिन प्लेट से टकराकर हिमालय के क्षेत्र में भूकंप का तांडव दिखती रहती है। वास्तव में ऑक्टो १९९१ में आए उत्तरकाशी के विध्वंसक भूंकप की जिम्मेदार इंडियन और यूरेशियन पलटे ही थी।
(१) उत्तर लिखिए
भूंकपीय पट्टी में आनेवाले प्रदेश १ २ ३ ४
(२) भूंकप से होने वाली हानियाँ पर अपने विचार लिखिए।
विभाग २ - पद्य
प्रश्न २ (अ ) पठित पद्यांश दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए। (६ )
कभी साइन पे रख के लेट जाते थे
कभी गोदी में लेते थे
कभी घुटनो को अपने रिह्ल की सूरत बनाकर
नीम - सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबी से
वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी
मगर वो जो किताबो में मिला करते थे सूखे फूल
और महके हुए रुक्के
किताबें गिरने, उठने के बहाने रिश्ते बनते थे
उनका क्या होगा ? वो शायद अब नहीं होंगे।।
(१ ) समझकर लिखिए - (२ )
१, इस बहाने से रिश्ते बनते थे
२ इनको रिह्ल की सूरत बनाकर नीम सजदे पढ़ा करते थे -
(२ ) किताबें यहाँ रखते थे (२ )
१ )__________ २ )__________
३ )___________ ४ )___________
(३ ) प्रथम पॉँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
प्रश्न २ ( आ ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए। (६)
अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करते
जहाँ कंटको का बन, सुमन माँगा नहीं करते।
जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक
नमन स्वाममे व् मिलते है, नमन माँगा नहीं करते
परों में शक्ति हो तो नाप लो उपलब्ध नभ सारा
उड़ानों के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते।
१ ) लिखिए - इंसानो को ये नहीं मांगना चाहिए १ ) ____________ (२ )
२ ) _______________ ३ ) ______________ ४ ) ______________
२ ) कविता में आए सौंदर्य के घटक १ ) ________ २ ) ___________ (२ )
३ )____________ ४ ) ____________
३ ) भावार्थ लिखिए
अँधेरे के इलाके में ____________ माँगा नहीं करते। (२)
विभाग ३ - पूरक पठन
प्र. ३ (अ ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए। (४ )
पताजी के दफ्तर से लौटने का कोई ठीक समय नहीं था। नौकरी के प्रारंभिक वर्षा में वे प्राय देर से लौटते थे, आठ - नौ बजे, इससे भी अधिक देरी से, और खाना खाकर सो जाते थे। बाद को जब कुछ जल्दी आने लगे तो खाना लेन से पहले कुछ देर पढ़ते कभी खाना खाने के बाद भी, और कभी तो घूमने निकल जाते। सुबह गंगा स्नान में आने - जाने के आठ मिल, यानी कुल सोलह मिल चल लेने पर भी उसकी चलास तृप्त नहीं होती थी रात को भी दो - तीन मिल घूम फिर आने को वे तैयार रहते थे। तभी तो मै कहता हूँ कि रात को चाहे जितनी देर से सोए, उठते वे सुबह तीन ही बजे थे। उनका कहना था की नींद लम्बाई नहीं गहराई माँगती है। यानी कम घंटो की भी गहरी नींद ज्यादा घंटो की हल्की नींद का काम कर देती है। उनके इस फार्मूले के प्रति विश्वास से मुझसे अपनी नींद पर कितना अत्याचार कराया है। इसे सोचकर कभी - कभी मै कहता हूँ कि जब मै मरुँ तो मुझे सात - आठ दिन तक यों ही पड़े रहने देना अस असंभव की कल्पना भर सुखद है - क्यूंकि मुझे अपने जीवन की बहुत सी रातो की नींद पूरी करनी है।
अ ) नींद से सम्बंधित लेखक पिता के विचार (२)
ब ) आप अपने पिताजी की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए (२)
प्र. ३ (आ ) पद्यांश पढ़कर कृतियाँ कीजिए (४ )
रात समय वह मेरे आवे। भोर भये वह घर उठी जावे।
यह अचरण है सबसे न्यारा। ऐ सखि साजन? ना सखि तारा।।
वह आवे तब शादी होय। उस दिन दूजा और न कोय।
मीठे लागे बाके बोल। ऐ सखि साजन ? ना सखि ढोल। ।
अ ) सहसम्बन्ध लिखिए ( २ )
१ ) सूर्य : दिन : : तारा : ________
२ ) प्रातः : भोर : : विवाह : _________
आ ) ढोल के बोल सुहावने पर आपने विचार लिखिए (२ )
विभाग ४ भाषा अध्ययन ( व्याकरण ) (१४ )
प्र. ४ सूचनाओं अनुसार कृतियाँ कीजिए।
१ अव्यय शब्द का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए। ( २ )
अ ) की ओर ब ) हौले - हौले
२ सहायक क्रिया को पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए ( २)
अ ) मै यह घर छोड़कर कहाँ चली जाउंगी।
ब ) वह धीरे - घीरे रेंगती हुई कड़ाह के पास आ बैठी।
३ प्रथम प्रेरणार्थक तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए। ( २ )
अ ) रोना ब ) पीना
४ वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए। ( २ )
अ ) अब हर चीज का दरजनो गुलाम होता है।
ब ) करामत अली के ऑंखों में ऑंसू उतर आई।
५ सुचना के अनुसार कल परिवर्तन कीजिए। ( २ )
अ ) वह भारी कदमो से आगे बढ़ा। ( अपूर्ण भूतकाल )
ब ) वे हमारे सुहागवाले गहने होते है। ( सामान्य भविष्य काल )
६ रचना अनुसार वाक्य भेद पहचानिए। ( २ )
अ ) वह कहानी सुना रहा था।
ब ) नेत्रहीनों के चमत्कार बहुत देखे है।
७. रेखांकित शब्दों के भेद पहचानिये। ( २ )
अ ) मीना ने चित्र निकला।
ब ) मेरी पाठशाला सामने ही है।
विभाग ५ - रचना विभाग ( उपयोजित लेखन ) ( २६ )
प्र. ५ ( अ ) निम्नलिखित जानकारी आधार पर पत्र - लेखन कीजिए
नरेश / निशा जाधव, २२, गाँधी रोड, साबरमती अपने मित्र / सहेली उत्तम / उषा पाटिल, शाहपुरी, कोल्हापुर को जन्मदिन के कार्यक्रम में ' शामिल होने हेतु पत्र लिखित / लिखती है।
आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक - एक वाक्य में हो।
१) किसी भी देश की सम्पति उस देश के आदर्श विद्याथी ही होते है। विद्यार्थीयो का चरित्र ही राष्ट्र की सम्पति होती है। वह समय का मूल्यांकन करना जानता है। वह बैटिंग सिनेमा, मोबाईल एवं अन्य मनोरंजन में आवश्यकता से अधिक लिप्त नहीं होता है। उसके सामने सदा मंजिल रहती है और उसे ज्ञात है कि इन प्रलोभनों के वश में न होकर परिश्रम, तप, त्याग और साधना के कंटकाकीर्ण पथ पर चलकर ही वह कुछ बन सकता है। परिवार लिए, समाज के लिए, राष्ट्र के लिए एवं समूचे विश्व लिए वह तभी कुछ करने की क्षमता प्राप्त क्र सकता है जब वह अपनी सर्वांगणी उन्नति करने सामर्थ्य रखता हो।
वह विद्यारुपी समुद्र का मंथन करके ऐसे मोती प्राप्त कर सकता है जो आज तक अनबिद्ध रहे हो।
प्र. ५ ( आ ) अपने विद्यालय में संपन्न वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का वृतांत लगभग ७० से ८० शब्दों में लिखिए। ( वृतांत में स्थल, घटना, काल का उल्लेख आवश्यक है। ) ( ५)
अथवा
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर ७० से ८० शब्दों में कहानी लिखिए तथा उचित शीर्षक दीजिए।
एक गांव ---- गाडगेबाबा का प्रवेश -------- अस्वछता देख दुःख -------- अकेले स्वछता करने में झाड़ू उठाना ---- रोज़ एक घंटा स्वछता अभियान में ----- गाँव में स्वच्छता ------ लोगों का स्वछता महत्त्व समझना ----- बाबा का दूसरे गाँव जाना ----- लोगों का स्वच्छता अभियान जारी।
प्र. ५ (इ ) निम्नलिखित जानकारी आधार पर ५० से ६० शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए - ( ५ )
१ ) संपर्क पत्ता
२) सभी प्रकार की सामग्री
३ ) सचिन सेंटर नं ४ सोलापूर
४) भारी छूट / लक्की ड्रा --------समय
प्र. ५ ( ई ) निम्नलिखित विषयों में से किसी विषय पर लगभग ८० से १०० शब्दों में निबंध लिखिए। . ( ७ )
१) पुस्तक आत्मकथा
२ ) यदि मोबाइल तो
३ ) मेरा प्रिय वैज्ञानिक
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